दूसरों के प्रति निस्वार्थ भाव रखना ही मानव जीवन की कामयाबी का मूलमंत्र है..
निस्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तित किया जा सकता है.
विनम्रता मनुष्य के व्यवहार को उजागर करती है ..
वर्तमान में मानव सभी क्षेत्रों में अपनी उन्नति कर रहा है भौतिकवादी दृष्टिकोण से मानव का उत्थान चरम पर जा चुका है
तथा भावी समय में और अधिक उत्थान होगा लेकिन वास्तव में स्थान नैतिकता व आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है..
एक मानव का संपूर्ण उत्थान तभी संभव है जब वह सहनशील हो अपने उद्देश्य पर दृढ़ हो सच्चाई पर अटल हो सभी को साथ लेकर चलें तथा महत्वपूर्ण बात यह है कि वह सेवाभावी हो।
जी हा यह अतिशयोक्ति नहीं होगी लेकिन सत्य हे की वर्तमान मे मानव जीवन का उत्थान का बीड़ा मात्र सन्त रामपाल जी महाराज ने उठाया है।
संत रामपाल जी महाराज के द्वारा एक बुराई रहित स्वच्छ समाज का निर्माण किया जा रहा है जो मानव के उत्थान में अपनी अद्वितीय भूमिका निभा रहा है।www.jagatgururampalji.org
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