Wednesday, May 13, 2020

Falling level of education.

शिक्षा एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर हमें यह एहसास होता है कि हम पिछले पुराने रीति-रिवाजों के बंधनों से मुक्त होकर आगे की ओर बढ़ रहे हैं नवीन समाज का निर्माण कर रहे हैं लेकिन क्या वास्तविकता भी यही है आइए जानते हैं।
आज हमारे देश में शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है शिक्षा के नाम पर गिरना अज्ञानता व अंधविश्वास फैलाया जा रहा है ।
शिक्षा के माध्यम से हम जैसे समाज की कल्पना करते हैं वह कुछ और ही मायनों में दिखाई पड़ता है शिक्षा के माध्यम से कल्पित समाज👇👇

गरीबी के कारण देश में अधिकांश लोग अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे और इस वजह से ना केवल आर्थिक तंगी अपितु हमारी युवा पीढ़ी तनाव से भी पीड़ित है तथा
 उचित शिक्षा प्राप्त ना होने के कारण आज कम उम्र के बच्चे भी काम करने पर मजबूर होते जा रहे हैं।
 बाल श्रम जिसे हम एक कानून मानते हैं आज लोगों को उसी के विपरीत जाकर काम करना पड़ता है👇👇
 आज का मानव समाज एक ऐसे मुहाने पर आकर खड़ा है जहां मानवीय मूल्य भौतिक लाभ के लिए शून्य हो चुके हैं ।
और उत्पादन और सेवा केवल मुनाफा प्राप्त करने के लिए  है ।
लेकिन असली शिक्षा जो हमारे नैतिक मूल्यों से जुड़ी हुई है लोग उसकी मात्रा अवहेलना कर रहे हैं।
 यही कारण है हमारे समाज में अराजकता तथा अन्य नकारात्मक तत्वों के पैदा होने के तथा उन को समाप्त करना हो कठिन सा हो गया है।
आज जरूरी है कि छात्र व शिक्षक मिलकर अपने हक की लड़ाई में शामिल हो जहां बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके तथा उचित नैतिक मूल्यों को सिखाया जा सके।

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